“फूलों की घाटी में विदेशी पर्यटकों की चहल-पहल, 31 अक्टूबर से बंद हो जाएंगे प्रवेश द्वार”

गोपेश्वर से मिली खबर के अनुसार, फूलों की घाटी में इस साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। 2025 में अब तक 413 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 330 थी। हालांकि, देशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, इस साल 15,305 पर्यटक ही आए हैं। घाटी 31 अक्टूबर को बंद हो जाएगी। फूलों की घाटी अपनी अनूठी सुंदरता के लिए जानी जाती है।

उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park) इस वर्ष विदेशी सैलानियों को खूब भा रही है। हालांकि, इस बार देशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। घाटी के गेट 31 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस सीजन में अब तक विदेशी पर्यटकों की संख्या में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों से बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी घाटी की सुंदरता निहारने पहुंचे हैं।

देशी पर्यटकों में कमी का कारण मौसम और त्योहार


अधिकारियों का कहना है कि इस बार मानसून के दौरान अधिक वर्षा और भूस्खलन के कारण देशी पर्यटकों की आवाजाही कम रही। साथ ही नवरात्र और त्योहारों के समय लोग अन्य स्थलों की ओर रुख कर गए।

31 अक्टूबर से बंद होंगे प्रवेश द्वार
नंदा देवी नेशनल पार्क रेंज अधिकारी ने बताया कि “फूलों की घाटी में हर वर्ष नवंबर से बर्फबारी शुरू हो जाती है, इसलिए सुरक्षा कारणों से गेट 31 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद पर्यटकों का प्रवेश वर्जित रहेगा।” घाटी अगले वर्ष जून महीने में दोबारा पर्यटकों के लिए खोली जाएगी।

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की पहचान
फूलों की घाटी को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह घाटी हर वर्ष जून से अक्टूबर तक रंग-बिरंगे फूलों की अनूठी प्रजातियों से सज जाती है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
स्थानीय व्यवसायियों ने बताया कि देशी पर्यटकों में कमी से व्यापार पर थोड़ा असर पड़ा है, लेकिन विदेशी सैलानियों की बढ़ती संख्या ने स्थिति को संतुलित कर दिया है।

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