उत्तराखंड के लिए इस साल की दिवाली एक सकारात्मक संकेत लेकर आई, क्योंकि राज्य के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता पिछले वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर दर्ज की गई। पटाखों के सीमित प्रयोग, लोगों की जागरूकता और प्रशासन द्वारा समय रहते उठाए गए कदमों का असर साफ तौर पर वायुमंडल में देखा गया।
देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और हल्द्वानी जैसे प्रमुख शहरों में दिवाली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) संतोषजनक से मध्यम श्रेणी के बीच रहा। जबकि पिछले वर्षों में इन इलाकों में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाती थी।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार के पीछे कई अहम वजहें हैं – जैसे लोगों में बढ़ती पर्यावरणीय चेतना, ग्रीन पटाखों का प्रयोग, और प्रशासन द्वारा समय पर जागरूकता अभियान चलाना। इसके अलावा मौसम की अनुकूलता (हल्की ठंडी हवा और नमी) ने भी प्रदूषकों को फैलने नहीं दिया।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:
-
देहरादून में AQI दिवाली की रात करीब 145 रहा, जबकि पिछले साल यह 230 के पार चला गया था।
-
हरिद्वार में यह आंकड़ा 120, ऋषिकेश में 110 और हल्द्वानी में 135 के आसपास रहा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी राहत की बात कही है कि इस बार दिवाली के बाद सांस संबंधी बीमारियों में पहले जैसी तेज़ी नहीं देखी गई।
प्रशासन ने ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ-साथ रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, जिसका व्यापक असर देखने को मिला।
यह सुधार आने वाले वर्षों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, बशर्ते सरकार और जनता मिलकर पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहें।
You may also like
-
गौमाता की पूजा कर मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों की समृद्धि की कामना, गौ-संवर्धन को बताया आत्मनिर्भरता से जुड़ा विषय
-
न्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी: राजाजी में 15 नवंबर से सफारी सीजन का आगाज़
-
केदारनाथ धाम शीतकालीन प्रवास की ओर, कल कपाट होंगे बंद..
-
रजत जयंती पर चमकेगा उत्तराखंड का दिल, देहरादून में होंगे भव्य उत्सव
-
शहर का दिल अब भी खामोश, करोड़ों खर्च करने के बावजूद नतीजा सिफर